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प्रभा खेतान फाउंडेशन ने पेश की ‘एक मुलाकात’-वकील और सांसद मनीष तिवारी के साथ दिलचस्प बातचीत

वकील और सांसद मनीष तिवारी
वकील और सांसद मनीष तिवारी

लुधियाना/जालंधर/अमृतसर , 01 जुलाई, 2021 (न्यूज़ टीम)
: प्रभा खेतान फाउंडेशन ने आज आनंदपुर साहिब से वकील और सांसद मनीष तिवारी के साथ ‘एक मुलाकात’ का आयोजन किया। इस दिलचस्प सेशन को राजनेता, स्तंभकार और दिल्ली की एहसास महिला अर्चना डालमिया के साथ बातचीत में आयोजित किया गया था।

सुश्री प्रणीत बब्बर-एहसास वुमेन प्रभा खेतान फाउंडेशन ने कहा कि ‘‘पेशे से एक वकील, मनीष तिवारी ने सर्वोच्च न्यायालय में प्रेक्टिस की और वर्तमान में वे आनंदपुर साहिब से सांसद हैं। वह वर्तमान और सामयिक मुद्दों जैसे ऊर्जा सुरक्षा, राष्ट्रीय और अंतररााष्ट्रीय सुरक्षा, परमाणु निरस्त्रीकरण, आतंकवाद और हाल ही में आर्थिक पुनरुद्धार के बारे में बहुत मुखर रहे हैं। उनकी किताबें डिकोडिंग ए डिकेड, टिडिंग्स ऑफ ट्रबल्ड टाइम्स, और फैबल्स ऑफ फ्रैैक्चर्ड टाइम्स पढऩे में काफी दिलचस्प और ज्ञानवर्धक हैं। चर्चा के दौरान श्री तिवारी ने समानांतर सभ्यता की भूमिका निभाते हुए इंटरनेट की एक बहुत ही दिलचस्प अवधारणा प्रस्तुत की और अपने राजनीतिक विचारों के बारे में भी बेहद ईमानदार रहे हैं।’’

मनीष तिवारी के शब्दों में, बातचीत के कुछ महत्वपूर्ण और जानकारीपूर्ण अंश यहां दिए गए हैं;

‘‘यदि आप एक वकील हैं, तो आपको तथ्यों के बारे में बहुत क्रूर होने की आवश्यकता है। कानून की अदालत में, आपको ईमानदार होना होगा अन्यथा आप अपने क्लाइंट्स और अपने प्रोफेशन को काफी अधिक नुकसान पहुंचाएंगे।’’

कंटेंट की सेंसरशिप के बारे में उनके विचारों के बारे में पूछे जाने पर और ओटीटी प्लेटफार्मों के बिना सेंसर वाली कंटेंट को हमारे घरों में लाने के साथ, विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि सामग्री की सेंसरशिप समाधान है। राजनीतिक और सामाजिक रूप से संवेदनशील सामग्री की तलाश में इंटरनेट को ट्रोल करने वाले दस लाख लोगों को रोजगार देकर, भले ही आपको सेंसरशिप पर कुछ अधिक मेहनत करनी पड़े, इंटरनेट को पूरी तरह से एक इंट्रानेट बनाने के लिए फ़ायरवॉल करना, लेकिन फिर भी आप इसे कभी भी कम नहीं कर पाएंगे , इसे मिटाने की तो बात ही नहीं है। इसलिए, महिलाओं के लिए सम्मान एक बड़ी चेतना का एक हिस्सा है जिसे हमें एक देश के रूप में आत्मसात करने की आवश्यकता है और यह एक ऐसी नैतिकता है जिसे आपके जन्म के दिन से या कम से कम उस दिन से शुरू करने की आवश्यकता है जब आप स्कूल जाना शुरू करते हैं।’’

‘‘इंटरनेट ग्रह पृथ्वी पर सबसे बड़े खुले स्थान का प्रतिनिधित्व करता है। यह एक वर्चुअल सिविलाइजेशन है जो भौतिक ईंट और वॉल सिविलाइजेशन के चौराहे पर स्थित है जो सहस्राब्दी में विकसित हुई है, और एक वर्चुअल सिविलाइजेशन जो वर्तमान में विकसित हो रही है। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं, हमारे पास ऐसे देश भी हो सकते हैं जो वर्चुअल स्पेस में भी मौजूद हों। इसलिए, एक अवधारणा के रूप में संप्रभुता पूरी तरह से निष्क्रिय हो जाएगी। हमारे पास मुद्राएं होंगी; क्रिप्टो करेंसी के बारे में हमारे पास पहले से ही यह बहस चल रही है कि देशों को यह नहीं पता कि इससे कैसे निपटना है। यह एक आभासी सभ्यता का एक पूरी तरह से अलग आयाम है जिसे कोई वास्तव में पकड़ में नहीं आता है, इसे तो कम ही समझें।’’

महिलाओं की सुरक्षा पर उन्होंने कहा कि ‘‘हम एक समाज के रूप में अपनी बेटियों के लिए भारत को कैसे सुरक्षित बना सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं उस दृष्टिकोण से खड़ा हूं। ईमानदारी से कहूं तो हमारे शहर हमारे बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं हैं, और जैसा कि मैं कहता हूं कि पूरे दिमाग से जुड़े मुद्दे पर वापस जाता है। अकेली महिलाओं का रात में सडक़ों पर अकेले चलना वाकई खतरे में है। और ऐसा नहीं होना चाहिए। ऐसा नहीं है कि पश्चिमी शहर इस खतरे से पूरी तरह से अछूते हैं, लेकिन हां कुछ ऐसे समाज हैं जो ऐसी स्थितियां पैदा करने में सक्षम हैं, जहां महिलाओं की सुरक्षा एक मुद्दा हो सकता है, लेकिन यह उस तरह की समस्या नहीं है जैसी हमारे पास भारत में है, अब भी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब तक आपके पास निचले स्तर का सामाजिक परिवर्तन नहीं होगा, दृष्टिकोण के मामले में, अकेले कानून, या बहुत दंडात्मक कानून, इस समस्या से निपट नहीं सकते हैं।’’

जिंदगी में उडऩे के लिए तैयार युवतियों के लिए मेरा संदेश है, ‘‘सहनशीलता रखना।’’ ‘‘हमें बस उन्हें उडऩे देना चाहिए।’’

आज के सबसे फिट सांसदों में से एक, जब उनसे फिटनेस के लिए उनके मंत्र के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘‘सबसे महत्वपूर्ण नियमित होने में है। एक चीज जो मैंने कोशिश की और बनाए रखा, चाहे मैं दुनिया के किस हिस्से में था, खुद पर खर्च करने के लिए 1 घंटे का समय निकालना था। और, मुझे लगता है कि आप उस मशीन के लिए ऋणी हैं जो आप दिन में 16-17 घंटे काम करते हैं।’’

एक मुलाकात, प्रतिभाओं का मिलन है। यह साहित्यिक पृष्ठभूमि के अलावा अन्य मेहमानों के लिए एक विशेष पहल है, जो संरक्षकों को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से किंवदंतियों और दिग्गजों के साथ मिलन करने की अनुमति देता है। यह एक कलाकार, उपलब्धि हासिल करने वाले, सांस्कृतिक प्रेमी या विचारक के जीवन की एक खिडक़ी है।
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