लुधियाना, 14 सितंबर 2025 (न्यूज़ टीम): फोर्टिस लुधियाना ने शहर का पहला Cytoreductive Surgery (CRS) और HIPEC (Hyperthermic Intraperitoneal Chemotherapy) का सफलतापूर्वक संचालन किया है। यह उन्नत प्रक्रिया 70 वर्षीय पुरुष मरीज़ पर की गई, जिन्हें एक दुर्लभ पेट के कैंसर का पता चला था। यह उपलब्धि क्षेत्र में कैंसर के इलाज के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हुई है। जो बीमारी पहले असाध्य मानी जाती थी, उसे अब इस अत्याधुनिक तकनीक के ज़रिए सफलतापूर्वक नियंत्रित किया जा सका है, जिससे मरीज़ को दीर्घकालिक जीवन की आशा मिली है।
मरीज़, श्री सोढ़ी सिंह, लंबे समय से पेट में गंभीर दर्द से परेशान थे, जब उन्हें इस दुर्लभ स्थिति का पता चला। अन्य अस्पतालों में पारंपरिक सर्जरी और कीमोथेरेपी की सलाह दी गई थी, लेकिन उनसे सीमित लाभ की उम्मीद थी। फोर्टिस अस्पताल लुधियाना की मल्टीडिसिप्लिनरी टीम, जिसमें सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के डॉ. अनीश भाटिया और मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के डॉ. दविंदर पॉल शामिल थे, ने उन्नत CRS + HIPEC प्रक्रिया करने का निर्णय लिया। इस प्रक्रिया में पहले सभी दृश्यमान कैंसर को सर्जरी द्वारा हटाया जाता है, और फिर गर्म कीमोथेरेपी को सीधे पेट के अंदरूनी भाग (एब्डोमिनल कैविटी) में डाला जाता है ताकि बची हुई सूक्ष्म कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जा सके। यह जटिल सर्जरी लगभग सात घंटे तक चली और इसे लेटेस्ट HIPEC मशीन से किया गया, जो फिलहाल लुधियाना में सिर्फ फोर्टिस अस्पताल में ही उपलब्ध है। सर्जरी के बाद मरीज़ बिना किसी जटिलता के स्वस्थ रूप से उबर गए और केवल छह दिन में अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
इस सफलता पर टिप्पणी करते हुए, डॉ. अनीश भाटिया, सीनियर कंसल्टेंट, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, फोर्टिस अस्पताल लुधियाना ने कहा, “यह लुधियाना में पहली बार है जब HIPEC प्रक्रिया को इस अत्याधुनिक तकनीक के साथ किया गया है। यह प्रक्रि या पेट के कुछ प्रकार के कैंसर के इलाज में एक नया युग लेकर आई है। सर्जरी के ज़रिए ट्यूमर को हटाकर और गर्म कीमोथेरेपी को स्थानीय रूप से देने से दवा का असर अधिक होता है और शरीर पर दुष्प्रभाव कम होते हैं। पारंपरिक कीमोथेरेपी जो पूरे शरीर में घूमती है, उसकी बजाय HIPEC दवा को ठीक उसी जगह पहुंचाता है जहाँ ज़रूरत होती है। गर्मी दवा के प्रभाव को बढ़ा देती है, जिससे हम सुरक्षित रूप से अधिक ताकतवर इलाज दे सकते हैं और परिणाम बेहतर होते हैं। खासकर इस तरह के जटिल मामलों जैसे कि pseudomyxoma peritonei जिसमें पहले इलाज की कोई उम्मीद नहीं होती थी, अब CRS + HIPEC एक नई आशा की किरण बनकर उभरा है। इस केस की सबसे खास बात यह है कि छह महीने बाद मरीज़ पूरी तरह से रोगमुक्त हैं, जो पारंपरिक इलाज से संभव नहीं होता।”
अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हुए, मरीज़ श्री सोढ़ी सिंह ने कहा, “जब मुझे अपनी बीमारी के बारे में पता चला, तो मैं बहुत चिंतित था क्योंकि अन्य अस्पतालों में मुझे बताया गया था कि यह लाइलाज है। लेकिन जब मैं फोर्टिस लुधियाना आया, तो डॉक्टरों ने मुझे इस नई प्रक्रिया के बारे में स्पष्टता और आत्मविश्वास से समझाया। मैंने सर्जरी करवाई और अच्छे से ठीक हो गया। आज, छह महीने बाद मैं स्वस्थ और रोगमुक्त महसूस कर रहा हूँ। मैं टीम का धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने मुझे एक नई ज़िंदगी दी।”
फोर्टिस लुधियाना फिलहाल शहर का एकमात्र अस्पताल है जो इस उन्नत CRS + HIPEC प्रक्रिया को अत्याधुनिक तकनीक के साथ कर रहा है। वैश्विक स्तर पर, यह प्रक्रिया पेट के कैंसर जैसे कि pseudomyxoma peritonei, ओवरी (अंडाशय), कोलोरेक्टल और गैस्ट्रिक कैंसर में जीवन प्रत्याशा को बेहतर बनाने में आशाजनक परिणाम दिखा चुकी है।