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नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट ने 'सत पॉल मित्तल राष्ट्रीय पुरस्कार 2023' प्रदान किए

नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट ने 'सत पॉल मित्तल राष्ट्रीय पुरस्कार 2023' प्रदान किए

लुधियाना, 09 नवंबर, 2023 (न्यूज़ टीम)
: स्वर्गीय सत पॉल मित्तल द्वारा 1983 में स्थापित नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट ने आज सत पॉल मित्तल राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए और वर्ष 2023 के लिए छात्रवृत्तियां भी वितरित कीं। मुख्य अतिथि पंजाब विधान सभा के माननीय स्पीकर सरदार कुलतार सिंह संधवांने ये पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर परनेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट के अध्यक्षराकेश भारती मित्तल भी उपस्थित थे।

सत पॉल मित्तल राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 के प्रतिष्ठित विजेताओं को निम्नलिखित श्रेणियों के तहत प्रशस्ति पत्र सहित कुल 12 लाख रुपए का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया:
  • सत पॉल मित्तल राष्ट्रीय पुरस्कार (प्लैटिनम)के तहत मानवता के लिए उत्कृष्ट सेवा प्रदान करने वाले व्यक्तियों और संस्थानों में से प्रत्येक को प्रशस्ति पत्र के साथ 5 लाख रुपए प्रदान किए गए।
  • सत पॉल मित्तल राष्ट्रीय पुरस्कार (गोल्ड)के तहतमानवता के लिए उत्कृष्ट सेवा प्रदान करने वाले व्यक्तियों और संस्थानों में से प्रत्येक को प्रशस्ति पत्र के साथ 1 लाख रुपए प्रदान किए गए।

नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट ने वंचित पृष्ठभूमि के छात्रों को उनके शैक्षिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाने के मकसद से विभिन्न श्रेणियों में 1600 से अधिक छात्रवृत्तियों के लिए 1 करोड़ रुपए से अधिक की मंजूरी दी। इंटर-कॉलेज वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया।

'इंडिविजुअल' श्रेणी में सत पॉल मित्तल राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 (प्लैटिनम)साकिब खलील गोरेको प्रदान किया गया।

एक ट्रक मजदूर से एक दूरदर्शी चेंजमेकर तकसाकिब खलील गोरे की अविश्वसनीय यात्राउद्देश्य की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित करती है। सीमित औपचारिक शिक्षा के बावजूदउन्होंने महाराष्ट्र के बदलापुर गांव में विजन फ्रेंड साकिब गोरे की स्थापना की, जिसने 20 लाख से अधिक मुफ्त नेत्र जांचें कीं, 15 लाख से अधिक मुफ्त चश्मे वितरित किए, और 1217 गांवों व कस्बों में 55,000 से अधिक मुफ्त मोतियाबिंद सर्जरी की सुविधा प्रदान की। उनकी कहानी समग्र रूप से वंचित समुदायों और समाज के उत्थान में दृढ़ संकल्प और करुणा के प्रभाव का एक जीता-जागता प्रमाण है।

'इंस्टीट्यूशनल' श्रेणी मेंसत पॉल मित्तल राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 (प्लैटिनम)राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान (आरएसकेएस इंडिया) को प्रदान किया गया।
1992 में स्थापित राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान (आरएसकेएस) ने हाशिए पर रहने वाली महिलाओं और लड़कियों के उत्थान के लिए समर्पित अपनी 30 साल की यात्रा में उल्लेखनीय परिणाम हासिल किए हैं। आरएसकेएस ने 1,500 ग्रामीण महिलाओं को शिक्षित किया, 25,500 महिलाओं के बीच जागरूकता बढ़ाई, 10,800 महिलाओं को वित्तीय साक्षरता प्रदान की, 7,80,000 सैनिटरी नैपकिन वितरित किए और 17,500 महिलाओं को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान की। आरएसकेएस ने 2,300सेल्फ-हेल्प ग्रुप्स के माध्यम से 28,700 महिलाओं को 943 मिलियन सूक्ष्म ऋण की सुविधा भी प्रदान की। आरएसकेएस ने 2015 में यूनाइटेड नेशंस ईसीओएसओसी से एक विशेष सलाहकार का दर्जा भी अर्जित किया था।

'इंडिविजुअल' श्रेणी में सत पॉल मित्तल राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 (गोल्ड) देवेन्द्र कुमार द्वारा प्राप्त किया गया।

 देवेन्द्र कुमार की प्रेरक यात्रा गरीबी और परित्याग से भरे चुनौतीपूर्ण बचपन के साथ विपरीत परिस्थितियों में शुरू हुई। उन्होंने उत्पीड़ितों, विशेषकर बाल विवाह और दहेज से संबंधित मुद्दों से प्रभावित लोगों के उत्थान के लिए "लाडली फाउंडेशन" की स्थापना की। दूरदर्शी नेतृत्व और व्यापक सामुदायिक जुड़ाव के माध्यम सेउन्होंने हाशिए पर रहने वाले 1.57 लाखछात्रों को डिजिटल शिक्षा प्रदान की, जिससे 600 करोड़ रुपए का प्रभाव पड़ा। महामारी के दौरानउन्होंने समाज पर उल्लेखनीय प्रभाव छोड़ते हुएवंचित छात्रों को मुफ्त टैबलेट और प्रीमियम सदस्यताएं वितरित कीं।

'इंस्टीट्यूशनल'श्रेणी में सत पॉल मित्तल राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 (गोल्ड) प्रोजेक्ट नन्ही कली को प्रदान किया गया।
1996 में स्थापित प्रोजेक्ट नन्ही कलीभारत में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ाने के लिए समर्पित है। परियोजना प्रत्येक लड़की की शिक्षा प्रगति पर बारीकी से नजर रखती है और साल दर साल औसतन 70% से अधिक की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने में सफल रही है। 10% से कम लड़कियों की पढ़ाई ही बीच में छूटती है और कार्यक्रम में शामिल 90% से अधिक लड़कियां अपनी स्कूली शिक्षा पूरी कर लेती हैं तथा10वीं कक्षा पास करने से पहले ही पढ़ाई नहीं छोड़ती हैं। इस परियोजना ने भारत के 15 राज्यों में वंचित समुदायों की 550,000 से अधिक लड़कियों (जिन्हें नन्ही कली कहा जाता है) के जीवन को प्रभावित किया है। यह पहल अधिक से अधिक लड़कियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करके समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालती है और मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता संबंधी बेहतर तरीकों के महत्व पर जोर देती है। प्रोजेक्ट नन्ही कली सभी के लिए उज्ज्वल और अधिक न्यायसंगत भविष्य की आशा की किरण है।

विजेताओं को बधाई देते हुए नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट के अध्यक्ष राकेश भारती मित्तल ने कहा, “नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट समाज में एक स्थायी, सकारात्मक बदलाव लाने के लिए गंभीरता से प्रतिबद्ध है। आजहम दयालुता और सेवा के उन कार्यों के लिए अपने 'उदाहरणों' का जश्न मनाते हैं, जिनके लिए बलिदान,समझौतों और एक ऐसी भावना की आवश्यकता होती है, जो कर्तव्य निभाने से भी परे की चीज है। हमारे समाज पर गहरा प्रभाव डालने और नए अवसरों के साथ दूसरों को सशक्त बनाने की दिशा में उनके निःस्वार्थ प्रयासों के लिए सभी पुरस्कार विजेताओं को मैं हार्दिक बधाई देता हूं। मैं इंटर-कॉलेज वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजेताओं की भी सराहना करता हूं और उन छात्रों को शुभकामनाएं देता हूं, जिन्हें छात्रवृत्तियां प्रदान की गई है। इन सम्मानों के माध्यम सेहम सभी के लिए एक उज्ज्वल भविष्य को आकार देने, शिक्षा द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानने और हमारे समाज में सकारात्मक परिवर्तनों को बढ़ावा देने के लिए एक साझा प्रतिबद्धता को प्रेरित करने की उम्मीद करते हैं।”

मुख्य अतिथिपंजाब विधान सभा के माननीय स्पीकर सरदार कुलतार सिंह संधवां ने कहा, “मैं हमारे समुदाय को समर्थन देने और सशक्त बनाने के उद्देश्य से उनके असाधारण समर्पण के लिए नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट की सराहना करना चाहता हूं। समाज में असरदार परिवर्तन लाने में उनके दृढ़ प्रयासों के लिए सभी पुरस्कार विजेताओं को हार्दिक बधाई।

शिक्षा परिवर्तन के लिए एक शक्तिशाली जरिया है। मुझे आशा है कि छात्र अपनी उच्चतम क्षमता को उजागर करने का प्रयास करेंगे और हमारे देश की आर्थिक समृद्धि में योगदान देने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। आइए हम आशा को बलवती रखना जारी रखें और अधिक दयालु विश्व बनाने के लिए सहयोगात्मक रूप से काम करते हुए मार्गदर्शक बनें।”

मानवता की उत्कृष्ट सेवा के लिए प्रतिवर्ष 'सत पॉल मित्तल राष्ट्रीय पुरस्कार (प्लैटिनम)' और 'सत पॉल मित्तल राष्ट्रीय पुरस्कार (गोल्ड)' दिए जाते हैं। नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट हर साल स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, भोजन, आश्रय, गरीबी उन्मूलन, कला, संस्कृति, बाल अधिकार, दिव्यांगों के कल्याण और महिला सशक्तिकरण सहित अन्य कई क्षेत्रों में काम करने वाले व्यक्तियों और संस्थानों को सम्मानित करने के लिए नामांकन आमंत्रित करता है।

अतीत में कुछ प्रमुख पुरस्कार विजेताओं में डॉ. ई. धरन, डॉ. एस.एस. बद्रीनाथ, सु इला आर. भट्ट, स्वर्गीयसुनील दत्त,अन्ना हजारे, द अक्षय पात्र फाउंडेशन, एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेज और स्वामी विवेकानंद यूथ मूवमेंट, नवज्योति दिल्ली पुलिस फाउंडेशन फॉर करेक्शन डि-एडिक्शन एंड रिहैबिलिटेशन आदि शामिल हैं।
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